योजना के उद्देश्य
अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि की व्यवस्था संस्थागत नहीं की जाकर समाज के भीतर ही बालक-बालिकाओं के निकटतम रिश्तेदार/परिचित व्यक्ति के परिवार में करने के लिए इच्छुक व्यक्ति को पालनहार बनाकर राज्य की ओर से पारिवारिक माहौल में शिक्षा, भोजन, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस प्रकार राज्य सरकार द्वारा संचालित यह योजना सम्पूर्ण भारत वर्ष में अनूठी है।
योजना के लिए पात्रता एवं देय परिलाभ
दिनांक 08.02.2005 से लागू यह योजना आरम्भ में अनुसूचित जाति के अनाथ बच्चों हेतु संचालित की गई थी, जिसमें समय-समय पर संशोधन कर निम्नांकित श्रेणियों को भी जोडा गया है :-
अनाथ बच्चे
न्यायिक प्रक्रिया से मृत्यु दण्ड/ आजीवन कारावास प्राप्त माता-पिता की संतान
निराश्रित पेंशन की पात्र विधवा माता की अधिकतम तीन संताने
नाता जाने वाली माता की अधिकतम तीन संताने
पुर्नविवाहित विधवा माता की संतान
एड्स पीडित माता/पिता की संतान
कुष्ठ रोग से पीडित माता/पिता की संतान
विकलांग माता/पिता की संतान
तलाकशुदा/परित्यक्ता महिला की संतान
पालनहार योजनान्तर्गत ऐसे अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, शिक्षा आदि के लिए पालनहार को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। पालनहार परिवार की वार्षिक आय 1.20 लाख रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ऐसे अनाथ बच्चों को 2 वर्ष की आयु में आंगनबाड़ी केन्द्र पर तथा 6 वर्ष की आयु में स्कूल भेजना अनिवार्य है।
प्रत्येक अनाथ बच्चे हेतु पालनहार परिवार को 5 वर्ष की आयु तक के बच्चे हेतु 750 रूपये प्रतिमाह की दर से तथा स्कूल में प्रवेशित होने के बाद 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 1500 रूपये प्रतिमाह की दर से अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसके अतिरिक्त वस्त्र, जूते, स्वेटर एवं अन्य आवश्यक कार्य हेतु 2000 रूपये प्रति वर्ष (विधवा एवं नाता की श्रेणी को छोडकर) प्रति अनाथ की दर से वार्षिक अनुदान भी उपलब्ध कराया जाता है।
पालनहार परिवार को उक्त अनुदान आवेदन करने पर शहरी क्षेत्र में विभागीय जिला अधिकारी द्वारा एवं ग्रामीण क्षेत्र में सम्बन्धित विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृत किया जाता है।
पालनहार योजना राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक सरकारी योजना है जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है। इस योजना के तहत राजस्थान सरकार उन बच्चों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो उन्हें आवश्यक सुविधाओं से वंचित करती हैं।
इस योजना के अंतर्गत, राजस्थान सरकार उन बच्चों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं:
परिवार का आय राजस्थान सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से कम होना चाहिए।
बच्चे का उम्र 5 से 18 साल के बीच होना चाहिए।
बच्चे का परिवार बीपीएल सूची में होना चाहिए।
इस योजना के तहत, प्रत्येक पात्र बच्चे को प्रति माह 1,500 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा, बच्चों को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।